कौआ और कोयल कविता, Kauwa aur Koyal Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
कौआ काँ काँ करता आया,
कोयल ने भी राग सुनाया,
दोनों काले मट-मैले हैं,
भेद सभी ने इनका पाया।
कौवे का है वाणी कर्कश,
तीर छुपे हैं इसके तरकस,
मीठी बोली कोयल की,
इसने सबको ही लुभाया।
कौआ कीट पतंगे खाता,
कोयल को भी मीठा भाता,
कौआ मौका देखा करता,
अवसर इसने गले लगाया।
कोयल की बोली है प्यारी,
शब्द खिले हैं क्यारी क्यारी,
मीठी वाणी सबसे बोलो,
कोयल ने ये पाठ सिखलाया।
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