खबर दे कविता, Khabar De Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
इस अँधेरी रात को ढलने की खबर दे,
भोर के तारे को फिर निकलने की खबर दे।
थक गई हैं सीपियाँ उबलती रेट में बहुत,
एक लम्हा समुंदर को उछलने की खबर दे।
जिस्म जब-जब उठता है, दर्द कहता है बैठ जाऊं,
मौत मांगती जिंदगी को, दुआओं का असर दे।
थम गया है जीवन कि, इस शहर का बारूद से,
एक बार फिर बादलों को, बदलने की खबर दे।
मौत ही मौत ले बीच जिंदगी निकल आती,
इन घायल कबूतरों को, संभलने की खबर दे।
चरमराते खेत, और किसानों के सूखे आँसू,
इस हिमालय को कोई पिघलने की खबर दे।