लहू से जहर हिंदी कविता, Lahoo Se Jahar Hindi Poems Kavita, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
अधजले शवों से अपना घर बनाते हैं,
अजीब लोग हैं लहू से जहर बनाते हैं।
शौक इंसान के आँसुओं से खेलने का,
आँगन के किलौने पर कहर ढहाते हैं।
काठ के पुतले हैं इशारों पर नाचते,
बहुत खुशी से मुर्दों की खबर सुनाते हैं।
फसल बोते हैं तो लाशों की दलदल में,
रेत-भरी चुटकियों से नहर बनाते हैं।
ये आँधियाँ चंद लम्हों की चीखें हैं 'शिखर,'
जिंदा वो, जलजलों में, शहर बनाते हैं।
बद्दुआ, आहें, मनहूसियत के खंडहर,
रूह काँपती है इनकी, मगर बनाते हैं।