मौत को करीब से देखा कविता, Mout Ko Karib Se Dekha Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
सपनों मे अपनी मौत को करीब से देखा,
कफन में लिपटे तन, जलते अपने शरीर को देखा।
खड़े थे लोग हाथ बांधे एक कतार में,
कुछ थे परेशान कुछ उदास थे।
पर कुछ छुपा रहे अपनी मुस्कान थे,
दूर खड़ा देख रहा था मैं यह सारा मंजर।
तभी किसी ने हाथ बढ़ाकर मेरा हाथ थाम लिया,
जब देखा चेहरा उसका तो मैं बड़ा हैरान था।
हाथ थामने वाला कोई और नहीं मेरा भगवान था,
चेहरे पर मुस्कान औऱ नंगे पांव था।
जब देखा मैंने उसकी तरफ जिज्ञासा भरी,
नजरों से, तो हंस कर बोला।
तूने हर दिन दो घड़ी जपा मेरा नाम था,
आज प्यारे उसका कर्ज चुकाने आया हूँ।
रो दिया अपनी वेवकूफियों पर तब यह सोंचकर,
जिसको दो घड़ी जपा वो बचाने आये हैं।
और जिनमें हर घड़ी रमा रहा,
वे शमशान पहुंचाने आये हैं।
तभी खुली आंख मेरी विस्तर पर विराजमान था,
कितना था नादान मैं हकीकत से अनजान था।