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प्रातः काल - कविता

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Pratah Kaal Hindi Rhymes
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"कविता"

प्रातः काल घूमता हूँ,

पुनः लौटकर आता हूँ।

दुःख आए तो रोओ मत,

छः बजे तक सोओ मत।

छः बजे तक सोओ मत।।

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