प्रातः काल कविता, Pratah Kaal Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
प्रातः काल घूमता हूँ,
पुनः लौटकर आता हूँ।
दुःख आए तो रोओ मत,
छः बजे तक सोओ मत।
छः बजे तक सोओ मत।।
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