Advertisement

रंग बदलते देखा है ...

रंग बदलते देखा है कविता, Rang Badalate Dekha Hai Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।

Rang Badalate Dekha Hai Hindi Rhymes
Advertisement

"कविता"

मैंने हर रोज जमाने को रंग बदलते देखा है,
उम्र के साथ जिन्दगी के ढंग बदलते देखा है।

वो जो चलते थे, तो शेर के चलने का होता था गुमान,
उनको भी पांव उठाने के लिये, सहारे को तरसते देखा है।

जिनकी नजरों की चमक देखकर, सहम जाते थे लोग,
उन्हीं नजरों को बरसात की तरह रोते देखा है।

जिनके हाथों के जरा से इशारों से टूट जाते थे पत्थर,
उन्हीं हाथों को पत्तों की तरह थर थर कांपते देखा है।

जिनकी आवाज से कभी बिजली सी कड़कने का होता था भरम,
उनके हाथों पर भी जबरन चुप्पी का ताला लगा देखा है।

ये जवानी,ये ताकत, ये दौलत सब कुदरत की इनायत है,
इनके रहते हुए भी इंसान को बेजान होते देखा है।

अपने आज पर इतना न इतराना,मेरे मित्रो,
वक्त की धारा में, अच्छे अच्छे को मजबूर होते देखा है।

कर सको तो किसी को खुश करो,
दुख देते तो हजारों को देखा है।

Advertisement
Advertisement

Related Post

Categories