सीता माता की आरती (Sita Mata Aarti in Hindi) सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थी। इनका विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र राम से स्वयंवर में शिवधनुष को भंग करने के उपरांत हुआ था। इनकी स्त्री व पतिव्रता धर्म के कारण इनका नाम आदर से लिया जाता है| त्रेतायुग में इन्हे सौभाग्य की देवी लक्ष्मी का अवतार मानते है। . . . Read More . . .
चामुण्डा देवी जी की आरती (Chamunda Devi Aarti in Hindi) चामुंडा माता पार्वती का ही एक रूप है। माता का नाम चामुण्ड़ा पडने के पीछे एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि चण्ड और मुण्ड देवी कोशिकी के पास गये और उसे अपने साथ चलने के लिए कहा। देवी के मना करने पर उन्होंने देवी पर प्रहार किया। तब देवी ने अपना काली रूप धारण कर लिया और असुरो को यमलोक पहुंचा दिया। उन दोनो असुरो को मारने . . . Read More . . .
बृहस्पति देव जी की आरती (Brihaspati Dev Aarti in Hindi) गुरूवार या बृहस्पतिवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है तथा मनुष्य का जीवन सुखी होता है। भारत में वीरवार के दिन व्रत रखने का विधान है। इस व्रत में मुख्य रूप से बृहस्पति देव की पूजा की जाती है। पीले रंग का फूल, चने की दाल, पीले कपडे तथा पीले चन्दन से पूजा करनी चाहिए। . . . Read More . . .
महाशिवरात्रि आरती (Mahashivratri Aarti in Hindi) सावन के महीने में शंकर भगवान की पूजा की जाती है, खास तौर पर सोमवार के दिन। सावन के महीने में ही महाशिवरात्रि का पर्व भी पड़ता है, जिसे भारत में तथा विदेशो में भी बहुत धूम-धाम से मानते हैं। इस पूजा में महाशिवरात्रि आरती का विशेष महत्त्व होता है। . . . Read More . . .
गणेश जी की आरती (Ganesh Aarti in Hindi) किसी भी नये शुभ अवसर करना बहुत शुभ माना जाता है। भारत में किसी भी नये काम की शुरुआत करने के लिए सर्वप्रथम गणेश भगवान की पूजा की जाती है इसके बाद विभिन्न देवी देवता की पूजा की जाती है, देवी देवता की पूजा में आरती का विशेष महत्त्व होता है। . . . Read More . . .