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अब जागो जीवन के प्रभात - हिंदी प्रार्थना

अब जागो जीवन के प्रभात !
वसुधा पर ओस बने बिखरे
हिमकण आँसू जो क्षोभ भरे
ऊषा बटोरती अरुण गात
अब जागो जीवन के प्रभात !

Ab Jaago Jivan Ke Prabhaat Hindi Rhymes
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तम नयनों की ताराएँ सब
मुँद रही किरण दल में हैं अब
चल रहा सुखद यह मलय-वात
अब जागो जीवन के प्रभात !

रजनी की लाज समेटो तो
कलरव से उठकर भेंटो तो
अरुणांचल में चल रही वात
अब जागो जीवन के प्रभात !

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