बादल गुस्साए थे,
लड़ते भिड़ते आये थे।
धूम धूम धड़ाम, धूम धूम धड़ाम,
बिजली चमकी बार बार।
और पानी बरसा मूसलाधार,
मुन्नी भागी मम्मी से चिपकी।
मुन्ना भागा खिड़की बंद कर दी,
रिमझिम-रिमझिम बारिश आई,
काली घटा फिर है छाई।
बारिश की मस्ती आई,
सड़कों पर बह उठा पानी,
कागज़ की है नाव चलानी।
नुन्नू-मुन्नू-चुन्नू आए,
रंग-बिरंगे छाते लाए।
कहीं छप-छप, कहीं टप-टप,
लगती कितनी अच्छी गपशप।
रिमझिम बारिश की फुहारें,
मन को भातीं खूब बौछारें,
बारिश की यह मस्ती है,
हो चाहे कल छुट्टी है।