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क्रिकेट का चढ़ा बुखार - हिंदी कविता

क्रिकेट का जब चढ़ा बुखार,
मन में आया एक विचार।

क्यों न मैं एक टीम बनाऊँ,
पहला ही कप जीत के लाऊँ।

मैं बोला कप्तान बनूँगा ,
बैंटिंग पहले मैं ही लूँगा।

मेरे हाथ में बैट जो आया,
कपिल देव को मज़ा चखाया।

Cricket Ka Chadha Bukhar Hindi Rhymes
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आखिरी गेंद कपिल ने फेंकी,
मैंने छक्के की कोशिश की।

क्रीज़ छोड़कर मैंने मारा,
डर गया कपिल बेचारा।

गेंद लगी खिड़की से जाकर ,
शीशा चूर हुआ टकराकर।

लेकर डण्डा मम्मी आई ,
सबसे छुप कर जान बचाई।

पड़ गए डण्डे मुझ पर चार,
उतर गया क्रिकेट का बुखार।।

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