चंदामामा दूर के, पुए पकाएं बूर के... चंदामामा दूर के, पुए पकाएं बूर के... आप खाएं थाली में, मुन्ने को दें प्याली में... आप खाएं थाली में, मुन्ने को दें प्याली में... प्याली गई टूट, मुन्ना गया रूठ, प्याली गई टूट, मुन्ना गया रूठ, लाएंगे नई प्यालियाँ, बजा बजा के तालियाँ मुन्ने को मनाएंगे, हम दूध मलाई खाएंगे, चंदामामा दूर के, पुए पकाएं बूर के... चंदामामा दूर के, पुए पकाएं बूर के... आप खाएं . . . Read More . . .
हर रोज उस चांद में बस तुम्हारा ही दीदार करते है, सुनो न आज भी सिर्फ तुमसे ही प्यार करते है। अब तो तन्हा बैठ आसमां को निहारा करते है सारी रात, अब तो आकर चाँद सितारें भी करने लगे है मुझसे बात। रात भर जाग-जाग कर अभी भी सिर्फ तुम्हारा ही इन्तजार करते हैं, सुनो न आज भी सिर्फ तुमसे ही प्यार करते है। साथ बिताये हुये हर लम्हों को मैनें अभी भी सजोया हैं, . . . Read More . . .
नये साल की सुबह सुहानी, छोड़ो यारो बात पुरानी। नया साल और नयी सुबह, नयी नयी हैं अभी वजह। चलती रहे यही ज़िंदगानी, नये साल की सुबह सुहानी। छोड़ो यारो बात पुरानी, प्यार मोहब्बत की हो बस कहानी। ये नया साल रहे सबसे कूल, माफ़ कर गलतिया जाओ भूल। नाराजगी का ना रहे कोई नाम, 2020 में आपके बने सारे काम। नये साल की सुबह सुहानी, छोड़ो यारो बात पुरानी। चलती रहे यही ज़िंदगानी, छोड़ो यारो बात . . . Read More . . .
वह हर दिन आता, सोचता बडबडाता, घबडाता कभी मस्त होकर प्रफुल्लता, कोमलता से सुमधुर गाता, न भूख से ही आकुल, न ही दुःख से व्याकुल महान वैचारक धैर्य का परिचायक विकट संवेदनाएँ, गंभीर विडंबनाएँ कुछ सूझते ध्यान में पद, संभलता, बढाता पग! होकर एक दिन विस्मित्, किछ दया दूँ अकिंचित् इससे पहले ही सोचकर…, कहा, जाने क्या संभलकर लुटती, टुटती ह्रदय दीनों की, नष्ट होती स्वत्व संपदा सारी मुझे क्या कुछ देगी, ये व्यस्त, अभ्यस्त . . . Read More . . .
चम्मू चींटा चड्डी पहने, पढ़ने पहुंचे शाला। चड्डी तो थी नई-नई पर, नाड़ा ढीला ढाला। खेल- खेल में चड्डी उतरी, चम्मू जी शरमाये। दोस्त सभी उनकी कक्षा के, शेम-शेम चिल्लाये। . . . Read More . . .