भूखे को खाना बाल कहानी, Bhukhe Ko Khana Kids Stories in Hindi, आप यहाँ विभिन्न प्रकार के किड्स स्टोरी, बच्चों के लिए कहानियाँ, स्टोरी फॉर किड्स, हिंदी स्टोरी, इंग्लिश स्टोरी, नर्सरी स्टोरी आदि के बारे में पढ़ सकते हैं। लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी तथा इंग्लिश में बच्चों की कहानियों का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कहानियाँ, २ से १५ साल के बच्चों के लिये कहानियाँ तथा जानकारियाँ, हास्य के लिए लिखी गयी कहानियाँ, छोटे बच्चों की छोटी कहानियाँ आदि।
चौक पर चौबे जी की दुकान थी। खूब बढ़िया कचौड़ी-पकौड़ी बनाते थे। कौन उनकी तारीफ नहीं करता?
एक दिन मौसी ने मौसा जी के लिए कचौड़ी लाने गौरी को भेजा। गौरी ने नौ रूपये की कचौड़ी खरीदीं और घर लौटने लगी।
राह में एक बुढ़िया मिली। कहा- 'बेटी, दो दिन से भूखी हूँ। कुछ खाने को दोगी?' गौरी को दया आ गई। उसने कचौड़ी का पूरा दोना बुढ़िया को दे दिया।
गौरी को खाली हाथ लौटते देख मौसी ने पूछा- 'कचौड़ी ले आई?'
गौरी ने सब कुछ बताया। सुनकर मौसी खुश हो गई। मौसा जी ने कहा- 'भूखे को खाना और चिड़िया को दाना देना कभी मत भूलना।'
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