प्रसिद्ध दोहे - Couplets

Dohe

दोहा मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहा सर्वप्रिय छंद है। दोहा एक ऐसा छंद है जो शब्दों की मात्राओं के अनुसार निर्धारित होता है। इसके दो पद होते हैं तथा प्रत्येक पद में दो चरण होते हैं। पहले चरण को विषम चरण तथा दूसरे चरण को सम चरण कहा जाता है। विषम चरण की कुल मात्रा 13 होती है तथा सम चरण की कुल मात्रा 11 होती है अर्थात दोहा का एक पद 13-11 की यति पर होता है. यति का अर्थ है विश्राम।

यानि भले पद-वाक्य को न तोड़ा जाय किन्तु पद को पढ़ने में अपने आप एक विराम बन जाता है, दोहा छंद मात्रा के हिसाब से 13-11 की यति पर निर्भर न कर शब्द-संयोजन हेतु विशिष्ट विन्यास पर भी निर्भर करता है बल्कि दोहा छंद ही क्यों हर मात्रिक छंद के लिए विशेष शाब्दिक विन्यास का प्रावधान होता है।

आप यहाँ प्रसिद्ध दोहे, हिंदी दोहा, हिंदी कविता, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में लिखे दोहे, पद्य, तथा कविताओं का संग्रह, हास्य के लिए लिखे गए दोहे, पद्य तथा कबीर, रहीम, सूरदास, रविदास, तुलसीदास, बिहारी, उदयभानु हंस, डा मानव के दोहों का संकलन पढ़ सकते हैं।

You read here kabir das doha, tulsi das doha, ravidas doha, rahim doha, kabir ke dohe, tulsi das ke dohe, hindi doha, rahim ke dohe, kabir doha, surdas, kabeer das doha, hindi poet doha, sant kabir doha, ravidas dohe, raidas doha etc.


सूरदास के दोहे

Surdas Ke Dohe Dohe - Couplets

सूरदास के दोहे, Surdas ke Dohe In Hindi, सूरदास का नाम कृष्ण भक्ति की अजस्र धारा को प्रवाहित करने वाले भक्त कवियों में सर्वोपरि है। हिंन्दी साहित्य में भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य उपासक और ब्रजभाषा के श्रेष्ठ कवि महात्मा सूरदास हिंदी साहित्य के सूर्य माने जाते हैं। हिंदी कविता कामिनी के इस कमनीय कांत ने हिंदी भाषा को समृद्ध करने में जो योगदान दिया है, वह अद्वितीय है। सूरदास हिंन्दी साहित्य में भक्ति काल के सगुण भक्ति शाखा के . . . Read More . . .

Advertisement

तुलसी दास के दोहे

Tulsidas Ke Dohe Dohe - Couplets

तुलसी दास का दोहा - Tulsidas Ke Dohe in Hindi, तुलसीदास हिन्दी साहित्य के आकाश के परम नक्षत्र, भक्तिकाल की सगुण धारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि है। तुलसीदास एक साथ कवि, भक्त तथा समाज सुधारक तीनों रूपों में मान्य है। श्रीराम को समर्पित ग्रन्थ श्रीरामचरितमानस को समस्त उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। . . . Read More . . .


रहीम के दोहे

Rahim Ke Dohe Dohe - Couplets

रहीम का दोहा, Rahim Ke Dohe in Hindi, रहीम मुस्लिम धर्म के अनुयायी होते हुए भी उन्होंने अपनी काव्य रचना द्वारा हिन्दी साहित्य की जो सेवा की वह अद्भुत है। रहीम की कई रचनाएँ प्रसिद्ध हैं जिन्हें उन्होंने दोहों के रूप में लिखा। रहीम के ग्रंथो में रहीम दोहावली या सतसई, बरवै, मदनाष्ठ्क, राग पंचाध्यायी, नगर शोभा, नायिका भेद, श्रृंगार, सोरठा, फुटकर बरवै, फुटकर छंद तथा पद, फुटकर कवितव, सवैये, संस्कृत काव्य प्रसिद्ध हैं। रहीम ने तुर्की भाषा में . . . Read More . . .

Advertisement

रविदास के दोहे

Ravidas Ke Dohe Dohe - Couplets

रविदास का दोहा, Ravidas Ke Dohe In Hindi, भारत की मध्ययुगीन संत परंपरा में रविदास या कहें रैदास जी का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। संत रविदास जी को भक्त रविदास, गुरू रविदास, रैदास, रोहीदास और रूहीदास के नामों के साथ भी जाना जाता है। उनकी रचना का भक्ति-विचारधारा पर गहरा प्रभाव पड़ा। वह एक समाज-सुधारक, मानववादी, धार्मिक पुरुष थे। . . . Read More . . .

Advertisement

कबीर के दोहे

Kabir Ke Dohe Dohe - Couplets

कबीर दास का दोहा, Kabir Ke Dohe in Hindi, जब भी हम दोहों के बारे में बात करते है तो संत कबीर का नाम सबसे पहले आता है, उनके साहित्य के योगदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता, उनकी रचनाएँ, भजन, और दोहे बहुत प्रसिद्ध है। जन्म से लेकर युवावस्था तक संघर्ष की आंच में तपने वाले कबीर दास की जयंती 9 जून को मनाई जाती है। कबीर जी पढ़े लिखे नहीं थे। फिर भी कबीर जी ने . . . Read More . . .


Categories