अजीत डोभाल का जीवन परिचय
अजीत डोभाल का जीवन परिचय, Ajit Dobhal Biography in Hindi, अजित डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक गढ़वाली परिवार हुआ। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्व विद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आईपीएस की तैयारी में लग गए। कड़ी मेहनत के बल पर वे केरल कैडर से 1968 में आईपीएस के लिए चुन लिए गए।
Advertisement
अजीत डोभाल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के चीफ के पद से रिटायर हुए हैं। वह सक्रिय रूप से मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं। अजीत कुमार डोभाल, आई.पी.एस. (सेवानिवृत्त), भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे 30 मई 2014 से इस पद पर हैं। डोभाल भारत के पांचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। इससे पहले शिवशंकर मेनन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे।
अजित डोभाल की कुछ उपलब्धियां :-
- डोभाल जब आईबी में थे, तब उन्हें 1986 में पूर्वोत्तर में उग्रवादियों के खिलाफ खुफिया अभियान चलाने का अनुभव है।
- ऑपरेशन ब्लूस्टार के 4 साल बाद 1988 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक और अभियान ऑपरेशन ब्लैक थंडर को अंजाम दिया गया।1988 में सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले देश के पहले पुलिस अफसर बने। अमूमन ये पुरस्कार सिर्फ सेना के लोगों को ही दिया जाता है।
- पूरे कैरियर में डोभाल ने महज 7 साल ही पुलिस की वर्दी पहनी।
- केरल के 1968 बैच आईपीएस अधिकारी डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद 1972 में ही इंटेलिजेंस ब्यूरो से जुड़ गए। वे इकलौते ऐसे पुलिस अधिकारी हैं, जिन्हें कीर्ति चक्र और शांतिकाल में मिलने वाले गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।
- 1980 के बाद से वह कई सुरक्षा अभियानों का हिस्सा रहे। अपनी हिम्मत और जज्बे के बूते डोभाल जासूसी के रियल जेम्स बॉण्ड माने जाते हैं।
- उनका अंडरकवर ऑपरेशन इतना जबरदस्त था कि लालडेंगा उग्रवादी समूह के 7 में से 6 कमांडरों को उन्होंने भारत के पक्ष में कर लिया था। बाकी उग्रवादियों को भी मजबूरन समझौता करना पड़ा था।
- जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर हुए आतंकी हमले के काउंटर ऑपरेशन ब्लू स्टार में जीत के नायक बने।
नोट :- आपको ये पोस्ट कैसी लगी, कमेंट्स बॉक्स में जरूर लिखे और शेयर करें, धन्यवाद।