अनंत कुमार का जीवन परिचय

अनंत कुमार का जीवन परिचय, Ananth Kumar Biography in Hindi, अनंत कुमार कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के एक प्रभावशाली नेता थे। इन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रभावित हुए थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ए.बी.वी.पी.) एक छात्र संगठन का हिस्सा बने। वर्ष 1975-77 के दौरान, भारत में आपातकाल नियमों के विरुद्ध जे.पी. आंदोलन में भाग लेने के कारण लगभग 40 दिनों तक जेल में भी रहे थे।

Ananth Kumar Jeevan Parichay Biography
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अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को बेंगलुरु में एच. एन. नारायण शास्त्री और गिरिजा एन. शास्त्री के यहाँ हुआ था। इन्होंने 15 फरवरी 1989 में श्रीमती तेजस्विनी से शादी की और इनकी दो बेटियाँ हैं। उन्होंने केएस आर्ट्स कॉलेज से बीए की पढ़ाई की थी। उसके बाद जेएसएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की थी। अनंत कुमार के परिवार में उनकी पत्नी तेजस्विनी और बेटी ऐश्वर्या और विजेता हैं।

अनंत कुमार एक भारतीय राजनीतिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी और एक सफल उद्योगपति थे। यह बेंगलुरु से निर्वाचित भारत की 14वीं लोकसभा के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य थे। बहुत ही कम उम्र में, इनको वर्ष 1982 से वर्ष 1985 तक कर्नाटक के ए.बी.वी.पी. के सचिव के रूप में चुना गया था और फिर वर्ष 1985 से वर्ष 1987 तक राष्ट्रीय संगठन के सचिव नियुक्त किए गए थे।

अनंत कुमार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ए.बी.वी.पी.) से स्नातक करने के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। वर्ष 1987 से वर्ष 1988 तक अनंत कुमार को कर्नाटक के भाजपा, सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। फिर इसके बाद वह वर्ष 1988 से वर्ष 1995 तक भाजपा के महासचिव और वर्ष 1995 से वर्ष 1998 के बीच भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बनने में सफल हुए थे।

अनंत कुमार 11वीं, 12वीं, 13वीं और 14वीं लोकसभा चुनाव में लगातार चार बार लोकसभा चुनावों के लिए चुने गए थे। अनंत कुमार कर्नाटक में राम-जन्मभूमि के लिए अपनी आवाज उठाने और उसके हक में लड़ने वाले विशिष्ट नेताओं में से एक थे। वर्ष 1998 में, अनंत कुमार को अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में नागरिक उड्यन मंत्री के रूप में शामिल किया गया था।

अटल बिहारी बाजपेयी के मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र के मंत्री बने अनंत कुमार ने कुशलतापूर्वक, पर्यटन, खेल, युवा मामलों और संस्कृति, शहरी विकास एवं गरीबी उन्मूलन जैसे कई मंत्रालयों को संभाला। अनंत कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान, कई नए अभिनव दृष्टिकोण, राजनैतिक सोच और कई योजनाओं की शुरुआत की तथा विभिन्न विकास परियोजनाओं के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन में सुधार किया।

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार (Ananth Kumar) का 59 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वह कैंसर से जूझ रहे थे और बेंगलुरु में सोमवार १२ नवम्बर २०१८ को आखिरी सांस ली। भाजपा नेता अनंत कुमार साल 1996 से दक्षिणी बेंगलुरु का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते थे। उनके पास दो महत्वपूर्ण मंत्रालय थे और वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कद्दावर मंत्रियों में से एक थे।

 गौरतलब है कि अनंत कुमार (Ananth Kumar) लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था। पिछले दिनों उन्हें बेंगलुरु लाया गया था और एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। बताया जा रहा है कि उनकी तबीयत में सुधार भी हो रहा था लेकिन अचानक तबीयत फिर खराब हो गई और सोमवार को तड़के देहांत हो गया। आपको बता दें कि अनंत कुमार (Ananth Kumar) के पास दो महत्वपूर्ण मंत्रालय थे। उनके पास साल 2014 से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय था। साथ ही जुलाई 2016 में उन्हें संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा भी सौंपा गया था।

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