हिरोडोटस का जीवन परिचय, Herodotus Biography in Hindi, हिरोडोटस यूनान का प्रथम इतिहासकार एवं भूगोलवेत्ता था। हेरोडोटस का संस्कृत नाम हरिदत्त था वह वास्तव में एक मेड था। इसी कारण उसने लगातार आर्यों के मेड इतिहास पर अपनी नज़र बनाये रखी थी। उसके द्वारा ही पारस के मेड आर्य राजाओं का सही इतिहास पता चलता है। ये इतिहास के जनक माने जाते है। इन्होने अपने इतिहास का विषय पेलोपोनेसियन युद्ध को बनाया था। इन्होने हीस्टोरिका नामक पुस्तक लिखी।
हेरोडोटस की प्रारम्भ से ही साहित्य में रुचि होने के कारण उन्होंने अपने समय के काव्य और साहित्य का अध्ययन किया तथा लेखन कार्य को आगे बढाया। ये सर्वप्रथम इतिहासकार के रूप में लिखने लगे थे। जब मानव जातियों का अध्ययन किया तथा भौगोलिक विवरण लिखे। उन्होंने जिन क्षेत्रो की यात्रा की उनका एतिहासिक, राजनितिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक, तथा धार्मिक विवरण विस्तृत रूप से लिखा है। उन्होंने प्रसिद्ध पुस्तक 'हिस्टेरोग्राफी' लिखी जिसमे एतिहासिक, भौगोलिक तथ्यों का सम्मिलित समावेश है।
इसमें नदियों, नहरों, पर्वतो, पठारों, विश्व की प्रमुख बस्तियों, विभिन्न प्रदेशो की स्तिथि, विस्तार, उनके निवासियों के क्रियाकलापों का विस्तृत रूप से उल्लेख किया है। अतः वे अपने समय के एतिहासिक भूगोलवेत्ता रहे थे। उनकी पुस्तक 'इतिहास' में एक तिहाई से अधिक भौगोलिक तथ्यों को सम्मिलित किया गया है। एतिहासिक तथ्यों का व्यवस्थित क्रम में उल्लेख सर्वप्रथम हेरोडोटस ने ही किया था जिस कारन उनको इतिहास का पिता कहा जाता है।
हेरोडोटस गणितज्ञ एवं नक्षत्रवेत्ता न होते हुए भी एक एतिहासिक भूगोलवेत्ता के रूप में ज्ञात विश्व का मानचित्र जिसका उनके बाद के भूगोलवेत्ताओ ने समय-समय पर अनुसरण किया। इस मानचित्र में मुख्या रूप से भूमध्यसागरीय क्षेत्रो वाले एशियाई भागों, अफ्रीका तथा यूरोप के समीपवर्ती भागों को निरुपित किया।
उन्होंने इस मानचित्र में ज्ञात विश्व के चारो ओर सागर होने की सम्भावना बताई इसमें वर्णित इरेथ्रियन वो स्थान था जिसे हिंदमहासागर कहा गया है इसकी स्तिथि सही रूप से प्रदर्शित नहीं की गई है, इसी प्रकार आल्पस पर्वत के स्थान पर अल्पिस नदी को दर्शाया गया है। दजला-फरात तथा इस्टर नदियों की स्तिथि सही बताई गई है। हेरोडोटस के द्वारा बनाये गये विश्व मानचित्र में अनेक त्रुटियों के उपरांत भी वह मानचित्र कला के विकास का आधार बना।