इरफान खान का जीवन परिचय

साहबजादे इरफान अली खान हिन्दी अंग्रेजी फ़िल्मों, व टेलीविजन के एक कुशलअभिनेता रहे हैं। उन्होने द वारियर, मकबूल, हासिल, द नेमसेक, रोग जैसी फिल्मों मे अपने अभिनय का लोहा मनवाया। हासिल फिल्म के लिये उन्हे वर्ष 2004 का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। अभिनेता इरफान खान ने हिंदी भाषा सहित अंग्रेजी भाषा की भी कई फिल्मों में काम किया हुआ है और इनके फैन्स की संख्या लाखों में है।

भारत के अलावा दुनिया भर में भी इरफान के कई लाखों की संख्या में फैन्स मौजूद हैं। इरफान खान देखने में ज्यादा सुंदर नहीं हैं, लेकिन अपने उम्दा अभिनय के दम पर आज ये एक मशूहर अभिनेता बन सके हैं और इनका नाम दुनिया के बेहतरीन कलाकारों में लिया जाता है। वे बालीवुड की 30 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। इरफान हॉलीवुड मे भी एक जाना पहचाना नाम हैं। वह ए माइटी हार्ट, स्लमडॉग मिलियनेयर, लाइफ ऑफ़ पाई और द अमेजिंग स्पाइडर मैन फिल्मों मे भी काम कर चुके हैं।

2011 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया। 60वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफ़ान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार दिया गया। 2017 में बनी हिंदी मीडियम फिल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया।

Irrfan Khan Jeevan Parichay Biography
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इरफ़ान खान का जन्म राजस्थान में 7 जनवरी 1967 एक मुस्लिम परिवार में, सईदा बेगम खान और यासीन अली खान के घर पर हुआ था। उनके माता पता टोंक जिले के पास खजुरिया गाँव से थे और टायर का कारोबार चलाते थे। इरफान और उनके सबसे अच्छे दोस्त सतीश शर्मा क्रिकेट में अच्छे थे तथा बाद में, उन्हें साथ में को सीके नायडू टूर्नामेंट के लिए 23 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों हेतु प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कदम रखने के लिए चुना गया था। दिरभाग्य से, धन की कमी के कारण वे टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए नहीं पहुँच सके।

उन्होंने 1984 में नई दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति अर्जित की और वहीँ से अभिनय में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

23 फरवरी 1995 को, उन्होंने ने फिल्म लेखक और साथी एनएसडी स्नातक सुतापा सिकदर से शादी की। उनके दो बेटे हैं- बाबिल और अयान। इंडिया टुडे को 2019 में दिए गए एक साक्षात्कार में सिकदर ने उनके बारे में कहा, "वो हमेशा फोकस्ड रहते हैं। मुझे याद है कि वो घर आकर, सीधे बेडरूम जाकर किताबें पढ़ने लगते थे।" 2012 में उन्होंने अपने नाम की अंग्रेजी वर्तनी "Irfan" में बीच में एक अतिरिक्त "R" (आर) डालकर "Irrfan" कर दिया क्योंकि उनके मुताबिक उन्हें अपने नाम में एक अतिरिक्त र स्वर की ध्वनि पसंद है। 2016 में, उन्होंने खान को उनके नाम से हटा दिया क्योंकि वह चाहते थे कि उनका काम उन्हें परिभाषित करे, न कि उनका वंश।

इरफान का नाम उन भारतीय अभिनेताओँ में गिना जाता है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा के साथ-साथ विदेशी सिनेमा यानी हॉलीवुड में भी कार्य किया हुआ है। इरफान ने बॉलीवुड सहित कई हॉलीवुड फिल्मों में भी दमदार प्रदर्शन किया है और उनके द्वारा की गई कुछ हॉलीवुड फिल्मों के नाम इस प्रकार हैं।

इरफ़ान खान का निधन 29 अप्रैल 2020 को मुम्बई की कोकीलाबेन अस्पताल में हुआ था, जहाँ वे बृहदान्त्र संक्रमण से भर्ती थे। ठीक चार दिन पहले उनकी माता का जयपुर में निधन हुआ था जिसके अंतिम दर्शन नहीं कर पाये थे। वर्ष 2018 में उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (अंत:स्रावी ट्यूमर) का पता चला था, जिसके बाद वे एक साल के लिए ब्रिटेन में इलाज हेतु रहे। एक वर्ष की राहत के बाद वे पुनः कोलोन संक्रमण की शिकायत से मुम्बई में भर्ती हुए। इस बीच उन्होंने अपनी फ़िल्म अंग्रेज़ी मीडियम की शूटिंग की, जो उनकी अंतिम फिल्म थी। उन्हें अंत:स्रावी कैंसर था, जोकि हॉर्मोन-उत्पादक कोशिकाओं का एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है।

बायोग्राफी राइटर असीम ने कहा कि बावजूद इन सारी चीजों के एक तथ्य ये भी है कि उन सारे सितारों ने वो स्टारडम कभी नहीं पाया जो इरफान ने पा लिया। इरफान खान की बायोग्राफी लिखने वाले असीम का कहना है कि उनके लिए सबसे चुनौतीपूर्ण बात ये थी कि उन्हें एक ऐसे शख्स पर बायोग्राफी लिखनी थी जिसका समय मिल पाना बड़ा चुनौतीपूर्ण काम है।

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