मीरा कुमार का जीवन परिचय, Meira Kumar Biography in Hindi, मीरा कुमार का जन्म 31 मार्च, 1945 को हुआ था। मीरा कुमार दलित समुदाय से हैं और वे पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री जगजीवन राम की सुपुत्री हैं। मीरा कुमार 1973 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुई। वे कई देशों में नियुक्त रहीं और बेहतर प्रशासक साबित हुई। मीरा कुमार भारतीय संसद में लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष (स्पीकर) बनी। उन्हें सर्वसम्मति से 15वीं लोकसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। वह इस पद पर निर्वाचित होने वाली पहली दलित महिला भी हैं। इसके अलावा श्रीमती मीरा कुमार आठवीं, ग्याहरवीं, बारहवीं और पन्द्रहवीं लोकसभा की सदस्य रहीं हैं।
वर्ष 1945 में पटना में जन्मीं और दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज व मिरांडा हाउस से शिक्षा ग्रहण करने वाली मीरा कुमार, कानून में स्नातक और अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं। वर्ष 1973 में वह भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए चुनी गईं। इसके बाद स्पेन, ब्रिटेन और मॉरीशस में उच्चायुक्त रहीं लेकिन अफसरशाही उन्हें रास नहीं आई और उन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाने का फैसला किया।
मीरा कुमार ने अपना राजनैतिक सफर उत्तर प्रदेश से प्रारंभ किया। वर्ष 1985 में बिजनौर लोकसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में उन्होंने उत्तर प्रदेश की वर्तमान मुख्यमंत्री मायावती और कद्दावर दलित नेता रामविलास पासवान को पराजित कर पहली बार संसद में कदम रखा। हालांकि इसके बाद हुए चुनाव में वह बिजनौर से पराजित हुई। इसके बाद उन्होंने अपना क्षेत्र बदला और 11 वीं तथा 12 वीं लोकसभा के चुनाव में वह दिल्ली के करोलबाग संसदीय क्षेत्र से विजयी होकर फिर संसद पहुंचीं।
इसके बाद मीरा कुमार ने अपनी जन्मस्थली बिहार को ही अपनी कर्मभूमि बनाने का फैसला किया और अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने सासाराम जा पहुंचीं। सासाराम संसदीय क्षेत्र में 1998 और 1999 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुनिलाल ने उन्हें पराजित कर दिया। परंतु 2004 के लोकसभा चुनाव में पासा पलट गया, मीरा कुमार ने मुनिलाल को 2,58,262 मतों से पराजित कर दिया। उस समय इन्हें पहली बार केन्द्र में मंत्री पद भी प्राप्त हुआ और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया।
15 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में बिहार में जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की हवा बह रही थी, उसमें भी मीरा कुमार ने सासाराम सीट को बरकरार रखा था तथा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मुनिलाल को 45 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया। इसके बाद केन्द्र में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए जल संसाधन मंत्रालय सौंपा गया।
हाल ही में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार घोषित की गयी थी। उनकी टक्कर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविन्द के साथ थी। वह कांग्रेस महासचिव और कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य भी रह चुकी हैं। उनके पति मंजुल कुमार सर्वोच्च न्यायालय में वकील हैं।
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