शशिकला नटराजन का जीवन परिचय

शशिकला नटराजन का जीवन परिचय, Sasikala Natarajan Biography in hindi, शशिकला का जन्म चेन्नई से 330 किलोमीटर दूर तमिलनाडु राज्य में स्थित तंजौर जिले के थिरुथुरईपूंडी में 1957 में हुआ था। इनकी माता का नाम कृष्णावेणी और पिता नाम विवेकानंदन है। इनका विवाह तमिलनाडु सरकार में पीआरओ रहे एम.नटराजन से हुआ था। शशिकला तीन दशक तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की अभिन्न सहेली रही। प्रारम्भ में यह मुख्यमंत्री जयललिता के कार्यक्रमों में फोटोग्राफी का कार्य करती थी और यहीं से जयललिता की ख़ास सहेली बन गई। जयललिता के संपर्क में आने पूर्व शशिकला फोटोग्राफी का स्टूडियो चलाती थी।तथा शादी एवम समारोहों में फोटोग्राफी करती थी।

Sasikala Natarajan Biography
Advertisement

उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। शशिकला को फिल्मों का भी काफी शौक था और यह एक वजह थी जो उन्हें अम्मा  के करीब लाई। पैसे कमाने के लिए शशिकला एक वीडियो शॉप चलाती थीं और आसपास के इलाकों में होने वाली शादियों की रिकॉर्डिंग करती थीं। एक वीडियो शॉप चलाने वाली शशिकला की शादी तमिलनाडु की सरकार में पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर नटराजन से हुई थी। पति नटराजन कडलोर जिले के डीएम वीएस चंद्रलेखा के साथ थे।

चंद्रलेखा तमिलनाडु के उस समय के सीएम एमजीआर या एमजी रामचंद्रन के करीब थीं। एमजीआर अपनी को-स्टार जयललिता के भी काफी करीबी थे। चंद्रलेखा ने एमजीआर से अनुरोध किया कि एक बार शशिकला को जयललिता से मिलवा दिया जाए। शशिकला के पति ने चंद्रलेखा से यह रिक्वेीस्टम की थी और यहां से एक नया सिलसिला शुरू हुआ। वर्ष 1988 में शशिकला जयललिता की इतनी अच्छी  दोस्तक बन गईं कि उनके घर पर ही रहने लगीं। बाद में शशिकला का पूरा परिवार भी अम्माई के घर पर शिफ्ट हो गया।

धीरे-धीरे शशिकला का कद बढ़ता गया और वह तय करतीं कि अम्मा से कौन मिलेगा और कौन नहीं। पार्टी के हर बड़े फैसले में शशिकला की भूमिका होती थी और पार्टी से किसे निकाला जाए यह भी वही तय करती थीं। वर्ष 1996 में जब जयललिता को विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा तो दोस्तीन में दरार आई। दोनों को सात दिसंबर 1996 को कलर टीवी स्कै्म में गिरफ्तार किया गया। दोनों को 30 दिनों की हिरासत में भेजा गया। वर्ष 2012 में अम्माक ने शशिकला को पार्टी से बाहर कर दिया था लेकिन शशिकला के माफी मांगने पर उन्हेंम दोबारा जगह मिली।

शशिकला नटराजन और जयललिता के संबंधों के बारे में करीब से जानने वालों का कहना है कि जयललिता के निजी और राजनीतिक जीवन में शशिकला का बहुत दखल था। जयललिता की संपत्ति और प्रॉपर्टी की देखरेख का जिम्मा शशिकला और उनके पति नटराजन के जिम्मे ही था। जयललिता के जीवन में शशिकला की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1995 में उन्होंने शशिकला के भतीजे सुधाकरण को गोद लिया था। हालांकि एक साल बाद 1996 में ही जयललिता ने सुधारकण का त्याग कर दिया।

सुधाकरण की शादी में अनाप शनाप पैसा खर्च करने की वजह से जयललिता 1996 का चुनाव भी हार गई थीं। शादी के बाद सुधाकरण जयललिता के बेहद प्रिय थे। ऐसा माना जा रहा था कि जयललिता की विरासत को सुधाकरण ही संभालेंगे। लेकिन जयललिता के वित्तीय मामलों में सुधाकरण के दखल के बाद 1996 में उन्होंने सुधाकरण के साथ अपना रिश्ता खत्म कर लिया. सुधाकरण के साथ रिश्ता खत्म करने के बाद जयललिता ने उनके साथ कोई संबंध नहीं रखा। लेकिन शशिकला नटराजन के साथ उनके संबंधों की मजबूती में कोई कमी नहीं आई।

जयललिता जब अस्पताल में भर्ती थीं तो इस दौरान उनसे मिलने की इजाजत सिर्फ शशिकला नटराजन को मिली। शशिकला नटराजन, जयललिता की हमराज रही हैं। आरोप हैं कि जयललिता के मुख्यमंत्री रहते तीन कार्यकाल में शशिकला ने न सिर्फ ताकत का बेजा इस्तेमाल किया बल्कि अकूत संपत्ति भी इकट्ठा की। 7 दिसंबर 1996 को कलर टीवी स्कैम में शशिकला और जयललिता को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, आरोप बेबुनियाद पाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया।

अम्मा की विरासत पर दावा जताने वाली चिन्नम्मा अन्ना द्रमुक पार्टी की महासचिव बन गई हैं। पार्टी में महासचिव का पद ही सबसे महत्वपूर्ण होता है। उन्हें यह पद मिलने के बाद पार्टी की कमान अब पूरी तरह उनके हाथ में आ गई है। उन्होंने ज्यादा समय गंवाए बिना यह पद हासिल कर लिया है। अब यह देखना होगा कि उन्हें यह पद दबाव में दिया गया है या पार्टी के बाकी सदस्य वाकई इस पद के लिए उन्हें ही चाहते थे।

सक्रिय राजनीति में शशिकला का प्रवेश 31 दिसंबर 2016 से प्रारम्भ हुआ। आय से अधिक संम्पत्ति के अपराध में शशिकला को ४ वर्ष कैद की सजा के बाद 17 फरवरी 2017 को एआईएडीएमके के प्रेसिडियम चेयरमैन ई. मधुसूदन ने वी.के. शशिकला को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बाहर कर दिया है।

नोट :- आपको ये पोस्ट कैसी लगी, कमेंट्स बॉक्स में जरूर लिखे और शेयर करें, धन्यवाद।

Advertisement
Advertisement

Related Post

Categories