विजेन्द्र कुमार का जीवन परिचय, Vijendra Kumar Biography in Hindi, विजेन्द्र कुमार का जन्म 29 अक्टूबर 1985 को हरियाणा के भिवनी जिले से 5 किलोमीटर दूर कलुवास ग्राम में एक जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता महिपाल सिंह बेनीवाल हरियाणा रोडवेज में एक बस ड्राईवर है, और माता एक गृहिणी है। महिपाल सिंह बेनीवाल, विजेंदर और भाई मनोज की शिक्षा की फीस देने के लिए ओवरटाइम करते थे। जिससे उनके दोनों बच्चों की पढाई में मदद मिल सके। विजेंदर ने कालवास से प्राथमिक शिक्षा पूरी की और भिवनी की माध्यमिक शाला से उन्होंने माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की, और फिर वैश कॉलेज से उन्होंने बैचलर डिग्री हासिल की।
1990 में बॉक्सर राज कुमार सांगवान को अर्जुन अवार्ड मिला और इसी वजह से भारत में बॉक्सिंग के प्रति लोगो की रूचि बढती गयी। और आज यह खेल भारत के मुख्य खेलो में भी शामिल हो गया है। परिवार की आर्थिक स्थिति को सँभालने के लिए विजेंदर और उनके बड़े भाई मनोज ने बॉक्सिंग सिखने का निर्णय लिया। विजेंदर को अपने बड़े भाई मनोज से प्रेरणा मिली है और उन्होंने ही विजेंदर को बॉक्सिंग में जाने के लिए प्रेरित किया।
बॉक्सिंग के बल पर 1998 में मनोज को भारतीय आर्मी में शामिल किया गया और उन्होंने विजेंदर को आर्थिक रूप से सहायता करने का निश्चय भी किया और समय-समय पर उन्हें बॉक्सिंग ट्रेनिंग दिलाते रहे। विजेंदर के माता-पिता ने भी विजेंदर को कभी पढने के लिए जबरदस्ती नही की और वे भी विजेंदर की बॉक्सिंग में कैरियर बनाने में सहायता करते की। विजेंदर के लिए बॉक्सिंग ही उनका कैरियर है, बचपन से ही उन्हें बॉक्सिंग में रूचि थी।
भिवनी बॉक्सिंग क्लब में विजेन्द्र कुमार बॉक्सिंग का अभ्यास करते थे, जहाँ नेशनल लेवल बॉक्सर जगदीश सिंह ने उनके टैलेंट को पहचाना। विजेंदर ने मॉडलिंग में भी अपने हाथ आजमाए। विजेंदर के सफल करियर की शुरुवात तब हुई जब उन्होंने स्टेट लेवल प्रतियोगिता जीती थी। 1997 में विजेंदर ने सिल्वर मेडल जीता और 2000 में उन्होंने राष्ट्रिय स्तर पर मेडल जीते। 2003 में वे ऑल इंडिया यूथ बॉक्सिंग चैंपियन बने। उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट 2003 के एफ्रो-एशियन गेम्स में आया। जूनियर बॉक्सर बनने के बाद भी उन्होंने बहुत से सिलेक्शन ट्रायल्स में हिस्सा लिया।
उनके बॉक्सिंग स्टाइल, हुक्स और अप्परकट को स्टाइल एक्टर सिल्वेस्टर स्टाल्लोन के समान माना जाता है। विजेंदर के अनुसार बॉक्सर माइक टायसन और मुहम्मद अली से वे काफी प्रेरित हुए। विजेंदर कुमार की शादी अर्चना सिंह से हुई है। इनका एक लड़का अर्बिर सिंह भी है।
२० अगस्त के दिन कार्लोस गोंगोरा के विरुद्ध कांस्य पदक के लिए प्रदर्शन करते हुए विजेंदर ने बड़ी ही सधी शुरुआत करते हुए ईक्वाडोर के मुक्केबाज़ कार्लोस गोंगोरा को 9-4 से हरा दिया। पहले राउंड में विजेंदर ने सधी हुई मुक्केबाज़ी करते हुए दो अंक जुटाए। दूसरे चक्र में भी वो रुक रुक कर मुक्के लगाते रहे और चार अंक जुटा लिए। तीसरे राउंड में गोंगोरा काफी थके हुए दिखे जिसका फ़ायदा विजेंदर ने उठाया और गोंगोरा को हराने में सफलता प्राप्त की। गोंगोरा को मामूली मुक्केबाज़ नहीं हैं, वे चार बार यूरोपीय चैंपियन रहे हैं।
लेकिन सेमीफाइनल में वह उजबेकिस्तान के अब्बोस अतोयेफ के हाथों 3-7 से पराजित हो गए। मिडल वेट सेमीफाइनल मुकाबले में हार कर भी विजेंदर ने भारत के लिए इतिहास रच दिया है। पहले राउंड में विजेंदर 1-0 से आगे थे लेकिन पूर्व लाइट हेवीवेट विश्व चैपियन अतोयेफ ने शानदार वापसी करते हुए अगले चक्र में पांच अंक जीते, दूसरे चक्र की समाप्ति पर स्कोर हो गया 5-1 तीसरे और आखिरी चक्र में दोनों मुक्केबाज 2-2 से बराबर रहे लेकिन तीसरे चक्र की टक्कर विजेंदर को मैच जीताने में कामयाब साबित नहीं हुई।
6 मार्च 2012 को चंडीगढ़ के पास के NRI रेसीडेंस में पड़ी रेड (Raid) के दौरान पंजाब पुलिस ने 26 किलोग्राम हेरोइन और दूसरे ड्रग जप्त किए, जिसकी कीमत तक़रीबन 1.3 बिलियन (US$ 19 मिलियन) थी। वहाँ से उन्होंने एक कार भी जप्त की जो विजेंदर की पत्नी के नाम से रजिस्टर थी, यह कार उन्हें ड्रग डीलर अनूप सिंह के घर के बाहर खड़ी मिली। बाद में मार्च महीने में पंजाब पुलिस का स्टेटमेंट आया, “छानबीन के अनुसार विजेंदर सिंह ने 12 बार ड्रग्स का सेवन और राम सिंह ने तक़रीबन 5 बार ड्रग्स का सेवन किया है।“ लेकिन सिंह ने इसे बिल्कुल गलत बताया और टेस्टिंग (जाँच) के लिए उन्होंने अपना खून और बाल भी दिए।
NADA (नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी) ने भी विजेंदर की जाँच करने से इंकार कर दिया क्योकि उनके अनुसार वे प्रतियोगिता से बाहर हुए खिलाडियों की जाँच नही करते। इसके बाद 3 अप्रैल को स्पोर्ट मिनिस्ट्री ऑफ़ इंडिया ने NADA के डायरेक्शन में एक टेस्ट लिया और जाँच के बाद बताया की इस अशांति और झूटे आरोपों का असर देश के दूसरे खिलाडियों पर भी पड़ सकता है। मई 2013 में इस ओलंपिक्स ब्रोंज मेडल विजेता को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी ने “ऑल क्लीन” का सर्टिफिकेट भी दी दिया।
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