गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम, Gold Monetization Scheme, प्रधानमंत्री जी ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम सहित सोने में इन्वेस्टमेंट से जुड़ी तीन योजनाओं का ऐलान किया। इसमें गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम इसलिए खास है, क्योंकि इस स्कीम के तहत अगर किसी नागरिक के पास 30 ग्राम सोना है, तो वह उसे जमा करा सकता है। इसके लिए आपको उस प्योरिटी सेंटर पर जाना होगा। जो बैंक से जुड़ा हुआ होता है। यानी ज्वैलरी को लेकर हमें बैंक की ओर से बताए गए प्योरिटी सेंटर जाना होगा। ध्यान रखना है कि प्योरिटी सेंटर बीआईएस यानी भारतीय मानक ब्यूरो से मान्यता प्राप्त हो। प्योरिटी सेंटर पर आपकी ज्वैलरी की प्योरिटी चेक की जाएगी। और फिर बताया जाएगा कि 99.95 फीसदी प्योरिटी के हिसाब से आपकी ज्वैलरी कितने ग्राम की मानी जाएगी।
मान लीजिए कि आप पोटली में सोना लेकर आएं, तो पहले उसकी शुद्धता की जांच की जाएगी, अगर आप उससे सहमत होंगे तो आपको एक सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा। और सोने को पिघला दिया जाएगा। इसमें 25 रुपये प्रति आर्टिकल का चार्ज लगेगा और मुश्किल से आधा घंटा लगेगा। उसके बाद उस सोने को या तो बैंक भेजेगा या फिर एमएमटीसी के पास जमा करा देगा। लेकिन ये प्योरिटी सेंटर का काम
प्योरिटी सेंटर की ओर से जो सर्टिफिकेट दिया जाएगा उस पर जिस बैंक का नाम लिखा होगा उस बैंक में सोना जमा कराएंगे। बैंक में जमा कराने के 30 दिन के भीतर या जैसे ही रिफाइनरी से सर्टिफिकेट आ जाएगा कि आपका गोल्ड जमा हो गया है आपको एक सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा। उस दिन से आपको ब्याज मिलने लगेगा।
अगर आप 1 से 3 साल तक के लिए सोना जमा करते हैं तो सोने के बदले सोना मिलेगा। लेकिन वो सोना या ज्वैलरी नहीं मिलेगी जिसे आपने जमा कराया है बल्कि उसके बराबर का गोल्ड बार मिलेगा। अगर 5 से 7 साल या फिर 12 से 15 साल के लिए भी जमा कर सकते हैं। इस पर जो ब्याज मिलेगा वो सोने के तौर पर मिलेगा। लेकिन नकद मिलेगा। यानी 1 किलो सोने पर अगर आपको कुल 10 फीसदी ब्याज मिलता है तो एक किलो 100 ग्राम सोना या सोने की कीमत के बराबर का पैसा मिलेगा। जिस दिन आप सोना निकालेंगे उस दिन की सोने की कीमत के आधार पर आपको भुगतान किया जाएगा।
इस योजना का मकसद देश में सोने की कालाबाज़ारी को रोकना एवं देश में सोने की तस्करी को रोकना है। इससे देश को बहुत फायदा होगा एवं सोने के आयात में भी कमी नहीं आएगी एवं इससे सभी लोगो को लाभ प्राप्त होगा।
रिजर्व बैंक ने इस संदर्भ में योजना के दिशानिर्देश में कुछ संशोधन किए हैं। केंद्रीय बैंक के अनुसार योजना को ग्राहकों के अनुकूल बनाने के लिए सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद ये फैसला लिया गया है। जमा पर ब्याज दर का निर्धारण समय-समय पर सरकार करेगी और उसे रिजर्व बैंक अधिसूचित करेगा।
रिजर्व बैंक ने बैंकों को अशोक चक्र वाला 'भारत स्वर्ण सिक्का' अपनी शाखाओं के जरिए बेचने की भी अनुमति दे दी। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि बैंकों को एमएमटीसी के आउटलेट्स द्वारा बनाए गए भारत स्वर्ण सिक्का बेचने की अनुमतिदेने का फैसला किया गया है। अधिसूचना के अनुसार मनोनीत बैंक और एमएमटीसी के बीच अनुबंध के तहत नियम और शर्तें होंगी।