नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम

नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम, National Apprenticeship Promotion Scheme, नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम की घोषणा 5 जुलाई 2016 को की गई थी। यह योजना इंडस्ट्रियल अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देने के लिए बनायीं गयी है।  इस योजना के अनुसार युवाओ को उनके क्षेत्र के अनुसार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी, जिसमे 25 % ख़र्च सरकार उठाएगी और बाकि 75% ख़र्च एम्प्लायर को उठाना पड़ेगा।

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भारत में एक बड़ी आबादी स्किल ट्रेनिंग के अभाव में रोज़गार से वंचित है सरकार का उदेश्य अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के जरिये ऐसे युवाओ को इंडस्ट्रीज में ट्रेनिंग करने का है जिसके लिए सरकार ने 10000 करोड़ का बजट बनाया है। बेहतर ट्रेनिंग के पश्चात युवा नौकरी के लिए तैयार हो जायेंगे जिससे इंडस्ट्री को श्रमिको का अभाव नही होगा और युवा भी बेहतर जीवन जी सकेंगे।

नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम की विशेषताएँ:-

  • इस योजना में बहुत से ऐसे ट्रेनिंग नियुक्त किये है गए जिनसे हम स्किल डेवलोपमेन्ट की ट्रेनिंग ले सकते है।
  • इस योजना के अनुसार 50 लाख लोग ट्रेनिंग ले सकते है जिससे की उन्हें भविष्य में अच्छी नौकरी मिल सके।
  • इस योजना मे हमारी सरकार ट्रेनिंग सेंटर्स को 50% खर्चा अपनी तरफ से देगी 25% ट्रेनिंग ओर्गनइजेशन देगी।

नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम से होने वाले लाभ:-

  • इस योजना के तहत 2020 तक 50 लाख लोग ऐसे होने चाहिए जो की स्किल डेवलोपमेन्ट से भरे हो जब 50 लाख हो जायेगे तो हमारे देख जर्मनी से भी आगे बढ़ जायेगा।
  • इससे हमारे देश की कंपनियों को भी बहुत फायदा होगा उन्हें कुशल व्यक्ति मिलेंगे।
  • इस योजना से देश के इंस्टिट्यूट और कम्पनीज में कंपटीशन की भावना बढ़ेगी जिससे देश आगे बढेगा।
  • इस योजना से देश में बेरोजगारी में कमी आएगी।
  • इस योजना से ट्रेनिंग प्राप्त युवाऔं को नौकरी का मौका मिलेगा।

नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम में सरकार का योगदान:-

भारत सरकार ने इस योजना मे 10 करोड़ लगाने को दे दिए है जिसमे से 50% ट्रेनिंग सेंटर्स को और 25% कंपनीज को दिए जायेगे। भारत सरकार ने यह पैसे सेंटर्स को उनके फायदे के लिए नहीं बल्कि देश की कमर्सिअल कंपनीज के लिये दिए है।

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