राधा प्यारी कृष्ण मुरारी, Radha Pyari Hindi Krishna Bhajan, श्री कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार हैं। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं, पूजा के लिए राधा प्यारी कृष्ण मुरारी कृष्णा भजन यहाँ पढ़े।
पत्थर की राधा प्यारी, पत्थर के कृष्ण मुरारी।
पत्थर से पत्थर घिस के पैदा होती चिंगारी।
पत्थर की नार अहिल्या, पग से श्री राम ने तारी।
पत्थर के मठ में बैठी, मैया हमारी।
चौदह बरस वनवास में भेजा, राम लखन सीता को,
पत्थर रख सीने दशरथ ने।
पुत्र जुदाई का भी पत्थर सहा देवकी माँ ने,
कैसी लीला रची कुदरत ने।
पत्थर धन्ने को मिला, जिसमे ठाकुर बसा।
पत्थर के जगह जगह पर भोले भंडारी।
नल और नील जो लाए पत्थर, राम लिखा पत्थर पे,
पत्थर पानी बीच बहाए।
तैर गए पत्थर पानी में राम सेतु के आए।
मेरे राम बहुत हर्षाये।
पत्थर जग में महान, इसको पूजे जहान।
इसकी तो पूजा करती यह दुनिया सारी।
ले हनुमान उड़े जब पत्थर संजीवनी ले आये।
सारे वीर पुरुष हर्षाये।
वो ही पत्थर बृज भूमि में गोवर्धन कहलाये।
जो है ऊँगली बीच उठाये।
मंदिरों में भी तो, यही पत्थर जुड़े।
पत्थर की नाव में देखो पत्थर पतवारी।
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