सुनील गावस्कर का जीवन परिचय

सुनील गावस्कर का जीवन परिचय, Sunil Gavaskar biography in Hindi, सुनील गावस्कर का जन्म 10 जुलाई 1949 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम मार्शनील है। इनके पुत्र रोहन गावस्कर भी भारतीय क्रिकेट टीम में खेल चुके हैं। सुनील गावस्कर कॉलेज के दिनों से ही एक अच्छे क्रिकेट खेलते थे, कॉलेज में उनकी क्रिकेट खेलने की स्टाइल को सब पसंद करने लगे थे। उन दिनों वे सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते थे।

Sunil Gavaskar Biography
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सुनील गावस्कर भारतीय क्रिकेट के पूर्व-खिलाड़ी हैं। सुनील गावस्कर क्रिकेट जगत के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। इन्होंने अपनी बल्लेबाजी से कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। 1971 में सुनील गावस्कर को वेस्टइंडीज के ऐतिहासिक दौरे के लिए टैस्ट टीम में चुना गया था। वे अकेले ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने वेस्टइंडीज के विरुद्ध 27 टैस्टों में 2749 रन, इंग्लैंड के विरुद्ध 38 टैस्टों में 2483 रन, पाकिस्तान के विरुद्ध 24 टैस्टों में 2089 रन और आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 20 टैस्टों में 1550 रन बनाये।

क्रिकेट के मैदान में अपने प्रदर्शन और रिकॉर्ड तोड़ने के बल से वे विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। सुनील गावस्कर ने 34 शतक बनाकर डॉन ब्रेडमेन का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने 10,000 रन बनाये, जो किसी बल्लेबाज द्वारा बनाये गए सबसे ज्यादा रन हैं। सुनील गावस्कर विश्व के अकेले ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने एक क्रिकेट-वर्ष में तीन बार 1000 रन बनाये। उनके कुशल नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम ने कई महत्वपूर्ण जीत प्राप्त की हैं, जिनमें से 'एशियाकप' व 'बेन्सन एंड हेजेस विश्वकप' प्रमुख हैं। उन्होंने अपने कैरियर मेंकुल 125 टेस्ट मैच खेले हैं।

एक ओपनर बल्लेबाज के रूप में सुनील गावस्कर ने लिली, थॉम्सन, मार्शल, माइकेल होल्डिग और इमरान जैसे तेज गेंदबाजों का उसी तेजी से जवाब दिया, उन पर शतक ठोके। सुनील गावस्कर विश्व क्रिकेट के गौरव है। सुनील गावस्कर ऐसे पहले क्रिकेटर थे, जिन्होंने 3 बार किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाया हो, हालांकि इनमें से एक भी मैच में भारत को जीत हासिल नहीं हुई थी। सुनील गावस्कर ऐसे पहले बल्लेबाज हैं जिसने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाए।

10,000 रन बनाने वाले क्रिकेटरों की लिस्ट में सुनील गावस्कर 11वें नंबर पर आते हैं। सुनील गावस्कर को हमेशा बेहतरीन ओपनर माना गया, खासतौर पर उनकी तेज गेंदबाजों के विरुद्ध तकनीक कमाल की थी। उनका वेस्टइंडीज के खिलाफ 65.45 का औसत है, जिसकी तेज गेंदबाजी उस दौर में जबरदस्त थी। सुनील गावस्कर जितने अच्छे खिलाड़ी रहे हैं, उतने सफल कप्तान साबित कभी नहीं हुए। उस दौर में कप्तानी उनके और कपिल देव के बीच बदलती रही थी। सुनील गावस्कर की कप्तानी में भारतीय बॉलिंग अटैक कमजोर और पुराने किस्म का रहा जिसकी वजह से अधिकतर मैच ड्रॉ हो गए।

1984/85 में इंग्लैंड के विरुद्ध ईडन गार्डन्स (कोलकाता) में खेलते हुए, गावस्कर को जनता का गुस्सा झेलना पड़ा था, उनके अत्यधिक धीमे प्रदर्शन के कारण जनता ने गुस्से में गावस्कर के आउट होने के नारे लगाए और उन पर फल फेंके। इसके बाद गावस्कर ने कभी ईडन गार्डन्स में न खेलने की कसम खाई थी।

सुनील गावस्कर को प्राप्त कुछ अवार्ड्स :-

  • 1975 में अर्जुन पुरस्कार
  • 1980 में पदमभूषण पुरस्कार
  • 1980 में विस्डेन पुरस्कार

सनिडेज, आइडल्स, रन्स एंड रुइन्स और वन डे वन्डर सुनील गावस्कर द्वारा लिखी किताबें हैं।

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