गौतम बुद्ध के अनमोल सुविचार

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"सुविचार - गौतम बुद्ध"

अच्छी चीजों के बारे में सोचें-हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं, इसलिए सकारात्मक बातें सोचें और खुश रहें।

जैसे एक सांप अपनी चमड़ी उतारता है, वैसे ही हमें भी समय-समय पर अपने अतीत को उतार फेंकना चाहिए।

किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं।

किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं,और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं।

जीवन में एक दिन को समझदारी से जीना कहीं अच्‍छा है बजाय एक हजार साल तक बिना ध्यान के साधना करने के।

क्रोधित होना किसी और पर फेंकने के इरादे से एक गर्म कोयला अपने हाथ में रखने की तरह है, जो तुम्ही को जलाता है।

जैसे एक मोमबत्ती आग के बिना नहीं जल सकती है, उसी तरह मनुष्य एक अध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता है।

अपने शरीर को स्वस्थ रखना भी एक कर्तव्य है, अन्यथा आप अपनी मन और सोच को अच्छा और साफ़ नहीं रख पाएंगे।

आप चाहे कितने भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल लें,लेकिन जब तक उनपर अमल नहीं करते उसका कोई फायदा नहीं है।

जिस तरह से एक तीर बेचने वाला अपने तीर को सीधा करता है, उसी तरह से एक समझदार व्यक्ति खुद को साध लेता है।

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