रतन टाटा के प्रसिद्ध ज्ञानवर्धक विचार

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ज्ञानवर्धक विचार

व्यक्ति को अपनी योग्यता और जीवन की परिस्थितियों के अनुसार अवसर एवं चुनौतियों की पहचान करनी चाहिए।

विश्व के करोड़ों लोग मेहनत करते है, लेकिन सबको इसका फल अलग-अलग प्राप्त होता है। इन सब के लिए मेहनत जिम्मेदार हैं। इसलिए मेहनत से मत भागीए, मेहनत करने के तरीको में सुधार लाइए।

मैं हमेशा लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कहता हूँ। कहता हूँ कि लोग प्रश्न पूछे जो अभी तक पूछे नहीं गए हैं, नए विचारों को आगे रखे, नये आईडिया पर विचार विमर्श करे, ताकि दुनिया को और बेहतरीन बनयाया जा सके।

किसी भी कार्य को पूर्ण करने की समय-सीमा होनी चाहिए और वे ही कार्य करना चाहिए, जिसे करने में आनंद आता हो।

मैं निश्चित रूप से राजनीति में नहीं शामिल होऊंगा। मैं एक साफ़-सुथरे बिजनेसमैन के तौर पर याद किया जाना पसंद करूँगा, जिसने सतह के नीचे की गतिविधियों में हिस्सा ना लिया हो, और जो काफी सफल रहा हो।

ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा, कि मैं क्या नहीं कर पाया।

मैं चार बार शादी करने के बहुत करीब पहुँच गया था, और हर बार मैं किसी न किसी डर की वजह से पीछे हट गया। हर अवसर अलग था, लेकिन अब जब मैं इसमें शामिल लोगों को देखता हूँ, मैंने जो किया वो इतना बुरा नहीं था। मेरा मानना है, अगर शादी हो जाती तो ये और भी काम्प्लेक्स होता।“

मैंने जिनका अनुसरण किया वे बहुत ही महान थे। श्री जे.आर. डी टाटा. भारतीय व्यापार के प्रमुख स्तम्भ थे। वे 50 वर्षो तक टाटा संगठन की डोर थामे रहे।

जीवन में केवल अच्छी शैक्षिक योग्यता या अच्छा कैरियर ही काफी नहीं है। आपका लक्ष्य होना चाहिए, कि एक संतुलित और सफल जिंदगी जिया जाये। संतुलित जीवन का मतलब है आपका स्वास्थ्य, लोगों से अच्छे सम्बन्ध और मन की शान्ति सब कुछ अच्छा होना चाहिए।

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