बेटियों को सीख कविता, Betiyon Ko Sikh Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
बेटी घर से निकलती है तो, कहते हो छोटे कपड़े पहन कर मत जाओ,
पर बेटे से क्यों नहीं कहते, कि नजरों में गंदगी मत लाओ।
बेटी से कहते हो कि, कभी घर की इज्जत खराब मत करना,
बेटे से क्यों नहीं कहते, कि किसी के घर की इज्जत से खिलबाड़ मत करना।
हर वक्त रखते हो नजर, बेटी के फोन पर,
पर यह भी तो देखो, बेटा क्या करता है इन्टरनेट पर।
किसी लड़के से बात करते देखकर, जो भाई हड़काता है,
वही भाई अपनी गर्ल फ्रेंड के, किस्से हंस हंस कर सुनाता है।
बेटा घूमे गर्ल फ्रेंड के साथ तो, कहते हो बेटा बड़ा हो गया,
बेटी अपने दोस्त से भी बात करे, तो कहते हो बेर्शम हो गई।
पहले घर से शोषण बन्द करो, तब शिकायत करो समाज से,
हर बेटे से कहो कि हर बेटी, की इज्जत करे आज से।
हर बेटी से कहना है कि, अपनी मर्यादा में रहना सीखो
आपका सम्मान, परिवार की धरोहर है, इसे बचाना सीखो।