जाग उठ भई भोर कविता, Jaag Uth Bhai Bhor Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
सूरज उगा, बजाया बाजा, दुनिया देखो जागी।
काली रात छिपा मुहं अपना, पश्चिम को भागी।
हवा ने सारंगी छेड़ी, चिड़िया गाएं गीत।
झूम-झूमकर कलियां नाचे, संग-संग भौरें मीत।
बूटोवाली साड़ी पहने, तितलियाँ इतराएँ।
कल-कल, छल-छल करती नदियाँ दौड़ी-दौड़ी जाएं।
कूद-फांद झरने पहाड़ से, मचा रहे हैं शोर।
माँ आकर कहती है- बेटा, जाग, उठ भई भोर।
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