सरस्वती प्रार्थना - या कुन्देन्दुतुषारहारधवला

सरस्वती प्रार्थना या कुन्देन्दुतुषारहारधवला (Saraswati Prathana in Hindi) प्रार्थना एक धार्मिक क्रिया है जो ब्रह्माण्ड के किसी 'महान शक्ति' से सम्बन्ध जोड़ने की कोशिश करती है। प्रार्थना व्यक्तिगत हो सकती है और सामूहिक भी। इसमें शब्दों (मंत्र, गीत आदि) का प्रयोग होता है या प्रार्थना मौन भी हो सकती है।

Saraswati Prathana Hymn - Prayer
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या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया,
वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभि र्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणादण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूरण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां,
जगद्व्यापिनींवीणापुस्तकधारिणीमभयदां,
जाड्यान्धकारापहाम्हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं,
पद्मासने संस्थिताम्वन्दे तां परमेश्वरीं,
भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥

शुक्लवर्ण वाली, संपूर्ण चराचर जगत्में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान् बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, भगवती शारदा (सरस्वती देवी) की मैं वंदना करता हूँ॥

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