ओशो के अनमोल वचन

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ओशो के अनमोल वचन

“एक बार जब मैं यात्रा कर रहा था तभी किसी ने मुझसे पूछा की इंसानी शब्दकोश में सबसे महत्वपूर्ण शब्द कौन सा है। मैंने नम्रता से जवाब दिया, प्यार।“

“ये दुनिया एक खेल है. जहां आज भी जितने वाले हारने के समान है और हारने वाले जितने के समान है, इसी तरह जिंदगी भी एक खेल है। जहां कुछ कहते है की वे नहीं जानते और कुछ जानते है की वे नहीं कहते।“

“बुद्धि कभी भी एक सीमा में रहने से नहीं बढ़ती, बुद्धि तो प्रयोगों से बढ़ती है। बुद्धि हमेशा चुनौतियों को अपनाने से ही बढ़ती है।“

“प्यार एक शराब है. आपने उसका स्वाद लेना चाहिये, उसे पीना चाहिये, उसमें पूरी तरह से डूब जाना चाहिये। तभी आपको पता चल पाएंगे की वह क्या है।“

“जो लोग ये पूछते है की जीवन का क्या महत्व है? असल में ऐसे लोगों ने जीवन को ही खो दिया है। वे सिर्फ अपनी सांस लेने के वजह से ही जिंदा है बाकी अंदर से तो वो कब के मर चुके होते है।“

“प्यार की सर्वश्रेष्ठ सीमा आज़ादी है, पूरी आज़ादी। किसी भी रिश्ते के खत्म होने का मुख्य कारण आज़ादी का न होना ही है।“

“अपने भूतकाल का अनावश्यक बोझ ना रखे। केवल उन्हीं विषयों के नजदीक जाए जिसे आपने पढ़ा हो, ऐसा करने से कभी आपको बार-बार पीछे मुड़ने की जरूरत नहीं होंगी।“

“हमेशा सावधान रहे। अपने अंतःकरण में झांके, आप पाओगे की आप नकारात्मक विचारो से जुड़े हो। और ये नकारात्मक विचार आपका अहंकार ही है।“

“आपका दिल ही आपका सबसे बड़ा शिक्षक है, आपको उसी की सुननी चाहिये। लेकिन जीवन की यात्रा में आपका अंतर्ज्ञान ही आपका शिक्षक होता है।“

“समर्पण तो वह करता है, जो कहता है की मेरे पास तो कुछ भी नहीं है, मैं तो कुछ भी नहीं हूँ – जो दावा कर सकूँ की मुझे मिलना चाहिए. मैं तो सिर्फ प्रार्थना कर सकता हूँ, मैं तो सिर्फ चरणों में सिर रख सकता हूँ, मेरे पास देने को कुछ भी नहीं है।“

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