ओशो के अनमोल वचन

Advertisement

ओशो के अनमोल वचन

“अनुभूति को दो शब्द देते ही विचार का जन्म हो जाता है। यह प्रतिक्रिया, यह शब्द देने की आदत अनुभूति को, दर्शन को विचार से आच्छादित कर देती है। अनुभूति दब जाती है, दर्शन दब जाता है और शब्द चित्त में तैरते रह जाते है। ये शब्द ही विचार है।“

“मुझे आज्ञाकारी लोगों जैसे अनुयायी नहीं चाहिये। मुझे बुद्धिमान दोस्त चाहिये, जो यात्रा के समय मेरे सहयोगी हो।“

“आपका स्वर्ग और आपकी ख़ुशी हमेशा कही ना खी होती ही है। ये कभी वहाँ नहीं मिलेंगी जहां आप हो। एक सच्ची ख़ुशी हमेशा ‘यहाँ’ होती है, और ‘अभी’ होती है।“

“त्यागी कभी समर्पित नहीं होता, त्यागी आदमी कभी समर्पण नहीं करता वह कहता है की मेरे पास कारण है, मैंने इतना छोड़ा अब मुझे मिलना चाहिए।“

“जीवन का कोई महत्व नहीं है। खुश रहो! फिर भी जीवन का कोई महत्व नहीं होगा। नाचो, गाओ, झूमो! फिर भी जीवन का कोई महत्व नहीं होगा। आपको विचारशील (Serious) बनने की जरूरत है। ये एक बहुत बड़ा मजाक होगा।“

“यदि आप प्यार से रहते हो, प्यार के साथ रहतो हो, तो आप एक महान जिंदगी जी रहे हो, क्योंकि प्यार ही जिंदगी को महान बनाता है।“

“यदि आप खुद अपनी कंपनी का आनंद नहीं लेते हो। तो कोई और उस से आनंदित कैसे हो सकता है?”

“जीवन एक उद्देशहीन खेल है, ये एक अनगिनत सेनाओं का खेल है – जो सुन्दर होगा यदि आपके पास सफल इंसान का दिमाग ना हो तो और बदसूरत होगा यदि आपके पास कुछ बनने की चाह हो तो।“

“जब मैं ये कहता हूँ की तुम ही भगवान हो तुम ही देवी हो तो मेरा मतलब यह होता है की तुम्हारी संभावना अनंत है और तुम्हारी क्षमता भी अनंत है।“

“जब तक आदमी सृजन की कला नहीं जानता तब तक अस्तित्व का अंश नहीं बनता।“

Advertisement
Advertisement

Related Post

Categories