ओशो के अनमोल वचन

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ओशो के अनमोल वचन

“श्रेष्ठता से सोचने वाला हमेशा तुच्छ कहलाता है, क्योंकि ये एक ही सिक्के के दो पहलू है।“

“आपका विवाह राजनीतिक शासन करने का छोटा रूप है। जिसमें आपके माता और पिता छोटे राजनेता होते है।“

“आपके सारे विश्वास आपका दम घोटते चले जाते है (विकास रोकना) और सारे विश्वास आपको जिंदा भी नहीं रख सकते। आपका विश्वास ही आपके जीवन को मारता है।“

“अपने रिश्ते में हमेशा सुखद रहे, तनहाई में हमेशा सतर्क रहे। ये दोनों बातों आपके लिए हमेशा मददगार साबित होंगी क्योंकि ये बाते एक पक्षी के दो पंखों के समान है।“

“असली सवाल यह है की भीतर तुम क्या हो? अगर भीतर गलत हो, तो तुम जो भी करोगे, उससे गलत फलित होगा। अगर तुम भीतर सही हो, तो तुम जो भी करोगे, वह सही फलित होगा।“

“अज्ञानी बने रहना अच्छा है, कम से कम अज्ञान तो इसमें आपका होता है। ये प्रामाणिक है, यही सच, वास्तविकता और ईमानदारी है।“

“एक बच्चे को विशाल एकांतता की जरूरत होती है, उसे ज्यादा से ज्यादा एकांतता में रहने देना चाहिये, ताकि वह अपने आप को विकसित कर सके।“

“जिंदगी एक आईना है, जो हमारे ही चेहरे की प्रति कृति दिखाता है। जिंदगी में हमेशा दोस्ती से रहे तब तभी आपके जीवन में मित्रता बनी रहेंगी।“

“अपने जीवन को संगीतपूर्ण बनाओ, ताकि काव्य का जन्म हो सके। और फिर सौदर्य ही सौंदर्य है, और सौदर्य ही परमात्मा का स्वरूप है।“

“संसार सुन्दर है क्योंकि इसे ईश्वर ने बनाया है। जो संसार को गंदा कहता है, वह ईश्वर का तिरस्कार कर रहा है।“

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