आहिस्ता चल जिन्दगी ...

आहिस्ता चल जिन्दगी कविता, Aahista Chal Jindagi Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।

Aahista Chal Jindagi Hindi Rhymes
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"कविता"

आहिस्ता चल जिन्दगी अभी,
कई कर्ज चुकाना बाकी हैं।

कुछ दर्द मिटाना बाकी हैं,
कुछ फर्ज निभाना बाकी हैं।

रफ्तार में तेरे चलने से,
कुछ रूठ गये कुछ छूट गये,

रूठों को मनाना बाकी है,
रोतों को हंसाना बाकी है।

कुछ रिश्ते बनकर टूट गये,
कुछ जुड़ते जुड़ते छूट गये,

उन छूटे टूटे रिश्तों के,
जख्मों को मिटाना बाकी है।

कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं,
कुछ काम भी और जरूरी हैं,

जीवन की उलझ पहेली को,
पूरा समझाना बाकी है।

जब सांसों को थम जाना है,
फिर क्या खोना क्या पाना है,

पर मन के जिद्दी बच्चे को,
यह बात बताना बाकी है।

आहिस्ता चल जिन्दगी अभी,
कई कर्ज चुकाना बाकी हैं

कुछ दर्द मिटाना बाकी हैं,
कुछ फर्ज निभाना बाकी हैं।

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