मेरा देश सो रहा है कविता, Mera Desh So Raha Hai Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
अंग्रेजों के जुल्म सितम से, फूट फूट कर रोया है,
धीरे हार्न बजा रे पगले, देश हमारा सोया है।
आजादी संग चैन मिला है, पूरी नींद से सोने दे,
जगह मिले वहां साइड ले ले, हो दुघँटना तो होने दे।
किसे बचाने की चिन्ता में, तू इतना जो खोया है,
धीरे हार्न बजा रे पगले, देश हमारा सोया है।
ट्रैफिक के सब नियम पड़े हैं, कब से बन्द किताबों में,
जिम्मेदार सुरक्षा वाले, सारे लगे हिसाबों में।
तू भी पकड़ा सौ की पत्ती, क्यों ईमान में खोया है,
धीरे हार्न बजा रे पगले, देश हमारा सोया है।
राजनिति की इन सड़कों पर, सभी हवा में चलते हैं,
फुटपाथों पर जो चढ़ जाते,, वो सलमान निकलते हैं।
मेरे देश की लचर विधि से, भला सभी का होया है,
धीरे हार्न बजा रे पगले, देश हमारा सोया है।
मेरा देश है सिंह सरीखा, सोये तब तक सोने दे,
राजनीति की इन सड़कों पर, नित दुघँटना होने दे।
देश जगाने की हठ में तू, क्यों दुख में रोया है,
धीरे हार्न बजा रे पगले, देश हमारा सोया है।
आज देश यह जाग गया तो,जग सीधा हो जायेगा,
पाक-चीन चुप हो जायेंगे, और अमेरिका रो जायेगा।
राजनीति से शर्मसार हो, जन गण मन भी रोया है,
धीरे हार्न बजा रे पगले, देश हमारा सोया है।
देश हमारा सोया है, देश हमारा सोया है।
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