और भी दूँ कविता, Aur Bhi Doon Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
तन समर्पित, धन समर्पित और यह जीवन समर्पित,
चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ।
माँ तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन, किंतु इतना कर रहा फिर भी निवेदन,
थाल में लाऊँ सजाकर भाल जब भी, कर दया स्वीकार लेना वह समर्पण।
गान अर्पित, प्राण अर्पित, रक्त का कण-कण समर्पित,
चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ।
मांज दो तलवार को लाओ न देरी, बांध दो कसकर कमर पर ढाल मेरी,
भाल पर मल दो चरण की धूल थोड़ी, शीश पर आशीष की छाया घनेरी।
स्वप्न अर्पित, प्रश्न अर्पित, आयु का क्षण-क्षण अमर्पित,
चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ।