दौलत का सच कविता, Daulat Ka Sach Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
दौलत में अगर दम होता तो,
मैं भगवान को खरीद लेता।
दे देता खालिस सोने के जेवर,
मौत को भी खरीद लेता।
लुटा देता हीरे मोती का खजाना,
रूह को अलविदा न कहने देता।
चांदी का पानी शरीर पर चढ़ा देता,
मगर योवन को कभी मिटने न देता।
मगर मैं क्या करूँ खुदा मेरे,
दौलत तो कमाई जाती है दुनियां में,
मगर सासों की कोई दुकान नहीं दिखती।
और ले जाये जो दौलत साथ में
वह रूह किसी देह में नहीं होती।
प्रेम के सिवाय ईश्वर को कुछ प्यारा नहीं,
मगर क्या करूं, ईश्वर से सच्चा प्रेम कोई करता नहीं।