माँ की सीख ...

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Maa Ki Sikh Hindi Rhymes
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"कविता"

बेच कर खून अपना, भेजा था पैसा बाप ने,
और शहर में बेटे ने महबूबा को तोहफा दे दिया।

जब मां को सच्चाई का पता लगा,
तब मां ने अपने दर्द भरे खत में लिखा,

सड़कें पक्की हो गई हैं, अब गांव वापस आ जा?
टूट जायेगी तेरी इश्क की आदत, उस दिन

जब चलेगा पता, कि जेब तेरा खाली हो गया,
और वह छोड़कर चली गई।

फिर क्या तू अपना खून बेचकर इश्क करेगा,
या अपना दिल तोड़ देगा, अच्छी तरह समझ ले,

जब दिल में हड्डी ही नहीं है, तो टूट कैसे जायेगा?
तू घर आ जा, मैं अपना खून बेंचकर तुझे पढ़ाऊंगी,

न तू टूटेगा, न हम मां-बाप
बरना तेरा बाप मर जायेगा और
तू कहीं का नहीं रह जायेगा।

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