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हर रोज उस चांद में बस तुम्हारा ही दीदार करते है, सुनो न आज भी सिर्फ तुमसे ही प्यार करते है। अब तो तन्हा बैठ आसमां को निहारा करते है सारी रात, अब तो आकर चाँद सितारें भी करने लगे है मुझसे बात। रात भर जाग-जाग कर अभी भी सिर्फ तुम्हारा ही इन्तजार करते हैं, सुनो न आज भी सिर्फ तुमसे ही प्यार करते है। साथ बिताये हुये हर लम्हों को मैनें अभी भी सजोया हैं, . . . Read More . . .
नये साल की सुबह सुहानी, छोड़ो यारो बात पुरानी। नया साल और नयी सुबह, नयी नयी हैं अभी वजह। चलती रहे यही ज़िंदगानी, नये साल की सुबह सुहानी। छोड़ो यारो बात पुरानी, प्यार मोहब्बत की हो बस कहानी। ये नया साल रहे सबसे कूल, माफ़ कर गलतिया जाओ भूल। नाराजगी का ना रहे कोई नाम, 2020 में आपके बने सारे काम। नये साल की सुबह सुहानी, छोड़ो यारो बात पुरानी। चलती रहे यही ज़िंदगानी, छोड़ो यारो बात . . . Read More . . .
वह हर दिन आता, सोचता बडबडाता, घबडाता कभी मस्त होकर प्रफुल्लता, कोमलता से सुमधुर गाता, न भूख से ही आकुल, न ही दुःख से व्याकुल महान वैचारक धैर्य का परिचायक विकट संवेदनाएँ, गंभीर विडंबनाएँ कुछ सूझते ध्यान में पद, संभलता, बढाता पग! होकर एक दिन विस्मित्, किछ दया दूँ अकिंचित् इससे पहले ही सोचकर…, कहा, जाने क्या संभलकर लुटती, टुटती ह्रदय दीनों की, नष्ट होती स्वत्व संपदा सारी मुझे क्या कुछ देगी, ये व्यस्त, अभ्यस्त . . . Read More . . .
चम्मू चींटा चड्डी पहने, पढ़ने पहुंचे शाला। चड्डी तो थी नई-नई पर, नाड़ा ढीला ढाला। खेल- खेल में चड्डी उतरी, चम्मू जी शरमाये। दोस्त सभी उनकी कक्षा के, शेम-शेम चिल्लाये। . . . Read More . . .
Sumitranandan Pant Biography In Hindi, सुमित्रानंदन पंत जी का जन्म अल्मोड़ा ज़िले के कौसानी नामक ग्राम में 20 मई 1900 ई. को हुआ। जन्म के छह घंटे बाद ही उनकी माँ का निधन हो गया। उनका लालन-पालन उनकी दादी ने किया। उनका प्रारंभिक नाम गुसाई दत्त रखा गया। वे सात भाई बहनों में सबसे छोटे थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में हुई। 1918में वे अपने मँझले भाई के साथ काशी आ गए और क्वींस कॉलेज में पढ़ने लगे। वहाँ से . . . Read More . . .