आँखें अंधी नहीं होतीं - कविता

आँखें अंधी नहीं होतीं कविता, Aankhen Andhi Nahi Hoti Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।

Aankhen Andhi Nahi Hoti Hindi Rhymes
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"कविता"

सलीके टो जीने के ये सब जानते हैं,
चेहरे पर नम्र आँखें अंधी नहीं होतीं।

रेत-भरी लकीरों पर लिखते हैं जो भाग्य,
किस्मत में उनके कभी बुलंदी नहीं होतीं।

धमनियों में अंगारे, धधकते हैं जिनके,
लहू की धार कभी ठंडी नहीं होतीं।

प्यार, इज्जत के जहाँ घरोंदे होते हैं,
हालत उन घरों की, मंडी नहीं होती।

साँसें जिस मंदिर में जिंदा बहती हैं,
अर्चना के लिए वहाँ, घंटी नहीं होती।

शहर-भरा कातिलों से और अकेला 'शिखर,'
हर जगह असुरों के लिए चंडी नहीं होती।

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