रिश्तों ने तोड़ा दम हिंदी कविता, Rishton Ne Toda Dum Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
मेहमान भी झूठे, राह कहाँ रही, कागों में,
भ्रमरों में गुंजन कहाँ, उलझ सके परागों में।
जहरीले इंसान हुए, जहर कहाँ अब नागों में,
रिश्तों ने तोड़ा दम कि, पवित्रता कहाँ धागों में।
इतने रूठे गीत कि मिठास कहाँ इन फागों में,
सीरत इतनी धुंधली, मिलती नहीं चिरागों में।
नफ़रत इतनी भारी, प्रेम कहाँ अनुरागों में,
बचपन बीता रूँध-रूँध कर, युवापन अभागों में।
चेहरा टो है खूब सँजोया, उलझा चाँद के दागों में,
मछलियाँ तो खुद ही आकर, फँस जाती हैं धागों में।
तन वीणा के तारों में, और मन शहनाई रागों में,
प्रेम तो मिलना दूर हुआ, सिंदूर कहाँ अब माँगों में।