सँवरना नहीं आया - कविता

सँवरना नहीं आया कविता, Sanvarana Nahi Aaya Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।

Sanvarana Nahi Aaya Hindi Rhymes
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"कविता"

भ्रमर ये फूलों को बार-बार रिझाते रहे,
आईना देखकर भी तो सँवरना नहीं आया।

प्यार भी किया तो हर-सिंगार की तरह,
छुई-मुई की तरह इजहार करना नहीं आया।

हर बार लिपटे वह बनकर, गले फूलों के हार,
एक फूल बन होंठों पर झरना नहीं आया।

प्यार, धोका, झूठ, सब कुछ आता था उसको,
जब रोता रहा दिल, आँख भरना नहीं आया।

कसमें खाई थीं उनके साथ जीने-मरने की,
जहर धोका दे गया, हमें मरना नहीं आया।

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