Bundi Ke Laddu Recipe In Hindi, बूंदी के लडडू किसी भी शुभ अवसर, पूजा या प्रसाद के लिए हमेशा ही सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। तो आइये हम अपने हाथों के बने लडडूओं से इसकी मीठी शुरुआत करें।
नोट :- बूंदी को बनाने के लिये सादा बारीक बेसन ही इस्तेमाल में लाया जाता है, बूंदी बनाने के लिये छेद वाले झविया (कलछी) का प्रयोग किया जाता है, झावे के छेद जितने छोटे या बड़े होंगें, बूंदी भी उसी के हिसाब से छोटी या बड़ी बनेगी।
बेसन को किसी बर्तन में छान ले और आधा कप से थोडा ज्यादा पानी मिला कर गाढ़ा घोल ले। घोल में गुठलिया नहीं होनी चाहिए। अब थोड़ा थोड़ा पानी डालकर घोल को पतला करें, ये घोल इतना गाढ़ा होना चाहिए की झारे पर डालने से वह बूंद बूंद करके झारे के छेद से गिरे। इस घोल को 5 मिनिट तक अच्छा फेट लें। घोल में 2 छोटे चम्मच घी या तेल डाल कर थोडा और फैंटे, तैयार घोल को 20 मिनट के लिये रख दें।
चाशनी बनाने के लिये चीनी को किसी बर्तन या पतीले में डालें। चीनी से आधा पानी यानी 2-1/2 कप पानी डालकर चाशनी बनने के लिये गैस पर रखे और पानी में उबाल आने दें, चाशनी को साफ करने के लिए उबलते समय उसमे एक स्पून दूध डाल दे, इससे चाशनी में झाग बन जायेंगा और सारा कचरा झाग में ऊपर आ जायेगा, इसे एक चम्मच से अलग हटा दे। ये चाशनी इतनी गाढ़ी होनी चाहिए की अगर एक बूँद आप प्लेट पर डाले और फिर अपनी अंगूठे और ऊँगली से चेक करे तो वो हलके चिपकनी चाहिए।
एक कढ़ाही में तलने के लिए घी गरम करे। बेसन के घोल की एक बूंद कढ़ाई में डालकर देखें, वह तुरन्त सिककर तैरकर घी या तेल के ऊपर आनी चाहिये, अगर ऐसा है तो तेल पर्याप्त गरम है। घी के गरम होने पर झारे को कढ़ाही के ऊपर रख कर उस पर एक बड़ा चम्मच बेसन का घोल डाले। जब बूंदी अपने आप उसमे से गिरना बंद हो जाये तो उसे हटा दे। दुसरे झारे से बूंदी तल ले। सुनहरा पीला रंग होने तक तले | सारे घोल से इसी प्रकार बूंदी बना लें।
सारे पिस्ते, बादाम, खरबूजे के बीज और तैयार बूंदी चाशनी में डालकर सारी चीजें मिक्स करके, डुबा दें और बूंदी को चाशनी में आधा घंटे तक डूबे रहने दें। हाथो पर हल्का पानी लगा कर लडडू बांधे। चाहे तो वर्क से सजाये।
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