कड़वाहट में तुम मीठा रस घोल दो,
नन्हे मुन्नों! भारत की जय बोल दो।
देश एक बगिया, तुम इसके फूल हो,
बगिया की माटी चंदन, तुम धूल हो।
गौतम-गाँधी का यह देश महान है,
इसकी माटी का तुम पर अहसान है।
मत भूलो, इसकी माटी का मोल दो,
नन्हें मुन्नों! भारत की जय बोल दो।
तुम ही सच्ची शोभा हो, इस देश की,
तुम ही सारी आशा हो, इस देश की।
तुम उठते हो, उठता है यह देश भी,
तुम गिरते हो, गिरता है यह देश भी।
इसे उठाने में सब ताकत तोल दो,
नन्हें मुन्नों! भारत की जय बोल दो।
देश उठेगा मेहनत से और, काम से,
गिर जाएगा गफ़लत से, आराम से।
तुम जुड़ते हो, जुड़ता है यह देश भी,
तुम बँटते हो, बँटता है यह देश भी।
भेदभाव के सारे बंधन खोल दो,
नन्हें मुन्नों! भारत की जय बोल दो।